सोशल मीडिया पर वायरल हुआ दुनिया का सबसे खूबसूरत कुत्ता, कई विज्ञापनों में दिखा चुका है जलवे

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ दुनिया का सबसे खूबसूरत कुत्ता, कई विज्ञापनों में दिखा चुका है जलवे
कई बार फेसबुक पर स्क्रॉल करते वक्त हमारी नज़र ऐसी चीजों पर पड़ती हैं, जहां बरबस ही नजरें रुक जाती हैं और इन्हें निहारे बिना आप आगे नहीं बढ़ पाते. ये कोई खूबसूरत पेंटिंग हो सकती है या फिर कोई शानदार वीडियो. लेकिन सोशल मीडिया पर आजकल एक कुत्ता अपनी खूबसूरती के चलते वायरल हो गया है और यकीनन यह दुनिया के सबसे खूबसूरत कुत्तों में शुमार है. टी नाम के इस खूबसूरत अफ़गानी कुत्ते की तस्वीरें इंटरनेट पर वायरल हो गई हैं. रेशमी जुल्फों वाले इस कुत्ते को आसानी से कोई भी कंपनी अपने हेयर प्रॉडक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकती है.




सोशल मीडिया इस कुत्ते की खूबसूरती का ऐसा दीवाना हुआ कि अब तक इसे एक मिलियन से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है. इस कुत्ते के मालिक ल्यूक कावाना के मुताबिक, "मुझे ये तो पता था कि यह बेहद खास किस्म का कुत्ता है लेकिन मुझे इस बात का कतई अंदाजा नहीं था कि यह सोशल मीडिया पर इतना मशहूर हो जाएगा.'




ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रहने वाले ल्यूक ने बताया कि, 'जब मैं इसे वीकेंड पर घुमाने ले जाता हूं तो अपने बालों और चाल की वजह से यह आस-पास मौजूद लोगों को काफी आकर्षित करता है.' 'मुझे लगता है कि लोग इसकी तस्वीरों की तरफ इसलिए आकर्षित हुए, क्योंकि टी के बाल और उसका लुक का तालमेल बेहद खास है.


ऑनलाइन मशहूर होने के बाद से टी ने कुत्तों के लक्ज़री फूड ब्रांड रॉयल कैनाइन और कुत्तों के परफ्यूम के लिए एक विज्ञापन पाने में भी कामयाबी पाई है. दो बच्चों के पिता ल्यूक ने बताया कि इंटरनेट पर वायरल होने के बाद कई कंपनियों ने टी को अप्रोच किया है.



 लेकिन थोड़े पैसे कमा लेने के बाद टी शांति से घर पर आराम फरमाना पसंद करता है क्योंकि शूट की तैयारियों के चलते वह घर पर काफी कम समय दे पाता है. ल्यूक ने बताया कि मेरा टी के साथ बेहद खास संबंध है और हमने एक-दूसरे के साथ कुछ यादगार पल बिताए हैं.

वैज्ञानिकों का मानना है कि बरमूडा ट्राइंगल का रहस्य छिपा है उसके ऊपर मौजूद Hexagonal बादलों में

वैज्ञानिकों का मानना है कि बरमूडा ट्राइंगल का रहस्य छिपा है उसके ऊपर मौजूद Hexagonal बादलों में
दुनिया के कई रहस्यों में से एक है उत्तर अटलांटिक महासागर के पश्चिमी भाग का हिस्सा, बरमूडा त्रिकोण या बरमूडा ट्राइंगल. ये एक ऐसा सवाल है, जिसका कोई जवाब नहीं, पर अटकलें बहुत हैं.

500,000 किलोमीटर वर्ग मैं फैला महासागर का ये हिस्सा सैकड़ों हवाई और पानी के जहाजों को निगल चुका है. पिछले 100 सालों में 1000 से अधिक लोग यहां आने के बाद लुप्त हो चुके हैं. मीलों दूर से गुज़र रहे जहाज़ भी इस मौत के बवंडर की ओर खिंचे चले आते हैं.

इस रहस्य से कई मान्यताएं और कहानियां जुड़ी हैं. कुछ लोगों का मानना है कि यहां कोई अलौकिक शक्ति है, जो जहाजों को अपनी ओर खींचती है. दूसरी ओर लोग कहते हैं कि यहां से कोई दिव्य रौशनी निकलती है, जिसका कुछ पता नहीं कि वो कहां से उत्पन्न होती है. वही रौशनी तूफान का रूप लेकर सब कुछ खींच लेती है. कई लोगों ने तो समुद्री दानव की बात भी कही है, जो ये सब कर रहा है. लेकिन लोगों की ​इन सभी मान्यताओं पर पानी फेर दिया है वैज्ञानिकों के इस दावे ने.

वैज्ञानिकों का दावा है कि ये मौसमीय घटनाओं की वजह से हो रहा है. बरमूडा ट्राइंगल के ऊपर हेक्सागनल आकार (षटकोणीय) के बादल बनते हैं, जो कि Air Bombs से मिलकर बने होते हैं. इन Air Bombs से उत्पन्न हवा से समुद्र में 45 फीट ऊंची लहरें बनती हैं.

Meteorologist Randy Cerveny ने The Mirror से बताया कि-

ये Air Bombs, Micro Bursts से मिल कर बने होते हैं. ये Micro Bursts बादलों के नीचे से निकलते हैं और फट जाते हैं. ये फट कर महासागर में टकराते हैं और विशाल आकार की लहरें बनती हैं.  शोधकर्ताओं ने बताया कि बरमूडा द्वीप के पश्चिमी सिरे पर काफी बड़े बादल देखने को मिलते हैं, करीब 20 से 55 मील तक फैले हुए. ज़्यादातर बादल सीधे होने के बजाए तितरे-बितरे होते हैं. वैज्ञानिक इसी मौसमीय घटना को बरमूडा ट्राइंगल के पीछे छिपा रहस्य मानते हैं.

व्हाट्सएप और फेसबुक हॉक्स मैसेज को आगे न बढ़ाएं, फर्जी होते हैं...

व्हाट्सएप और फेसबुक हॉक्स मैसेज को आगे न बढ़ाएं, फर्जी होते हैं...

इस फर्जी मैसेज के दूसरे लाइन में लिखा है कि यह मैसेज व्हाट्सएप की सीईओ आरोही देशमुख की तरफ से है, 'इस मैसेज को आगे नहीं भेजेंगे तो आपका अकाउंट इनवैलिड हो जाएगा और 48 घंटे के अंदर इसे डिलीट कर दिया जाएगा.' 
यह मैसेज काफी लंबा है और इसे फॉर्वर्ड करने को कहा जा रहा है. जाहिर है यह एक हॉक्स मैसेज है जिसे आप डिलीट कर दें. ऐसा पहले भी कई बार हुआ है जब फेसबुक और व्हाट्सएप पर ऐसे मैसेज वायरल होते हैं. कंपनियों ने पहले ही ऐसे मैसेज के बारे में कहा है कि इनपर ध्यान न दें और कोई भी फैसला होने पर कंपनी मैसेज के जरिए लोगों को नहीं बताती बल्कि उन्हें अपडेट दिए जाते हैं.
पहली लाइन से ये मैसेज गलत लगता है क्योंकि व्हाट्सएप के सीईओ जॉन कुम हैं. हमारी सलाह है कि ऐसा मैसेज मिलते ही आप डि‍लीट कर दें और जिसने भेजा उसे भी बता दें कि यह फर्जी मैसेज है.

रिलायंस जियो की स्लो इंटरनेट स्पीड से परेशान हैं तो अपना सकते हैं ये ट्रिक्स ( with APN SETTING)

रिलायंस जियो की स्लो इंटरनेट स्पीड से परेशान हैं तो अपना सकते हैं ये ट्रिक्स ( with APN SETTING)

कई बार आपके स्मार्टफोन या उसकी सेटिंग्स की वजह से भी इंटरनेट की पूरी स्पीड नहीं मिलती. चूंकि रिलायंस जियो का नेटवर्क नया है और ज्यादा समस्या आ रही है . इसलिए कुछ ट्रिक्स हैं जिनकी मदद से आप अपनी तरफ से फुल इंटरनेट स्पीड लेने की कोशिश कर सकते हैं.
पहला तरीका
सबसे पहले मोबाइल की सेटिंग्स में जाकर मोबाइल नेटवर्क सेलेक्ट करें.
इस प्रक्रिया को फौलो करने से पहले पुरानी सेटिंग्स को सेव कर लें.
- अब Access point को क्लिक करें.
- यहां Jio 4G दिखेगा, लेकिन आपको इसमें कोई बदलाव नहीं करना है
- यहां ऊपर Add दिखेगा जिसे क्लिक करना है
- इसे क्लिक करने पर आपको लिस्ट मिलेगी जिनमें दी गई जानकारियां भरनी है. सेटिंग्स सेव करके फोन रिस्टार्ट कर लें.
Name : Jio4G
APN – jionet
APN Type – Default
Proxy – Not Set
Port – Not Set
Username – Not Set
Password – Not Set
Server – www.google.com
MMSC – Not Set
MMS proxy – Not Set
MMS port – Not Set
MCC – 405
MNC – 857, 863 या 874
Authentication type – Not Set
APN Protocol – IPv4/IPv6
दूसरा तरीका 
अगर आपके स्मार्टफोन में क्वॉल्कॉम का प्रोसेसर है तो आप अपने 4G डिवाइस से *#*#4636#*#* डायल करें.
एक पेज खुल कर आएगा यहां आपको Information1 सेलेक्ट करना है. इसके बाद एक नया पेज खुलेगा.
इस नए पेज के सेटिंग्स में आपको TD-SCDMA, GSM/WCDMA and LTE सेलेक्ट करना है.
तीसरा तरीका
MTK Engineering Mode
  • यह ऐप स्पीड बूस्ट कर सकता है. गूगल प्ले से इस ऐप को डाउनलोड किया जा सकता है.
  • इसे ओपन करें और MTK Settings को सेलेक्ट करें.
  • अब बैंड मोड पर क्लिक करें.
  • आपने जिस स्लॉट में जियो सिम लगाया है उसे सेलेक्ट करें. अगर आपका स्मार्टफोन डुअल सिम वाला है.
  • यहां स्क्रॉल करके नीचे आएं आपको 'LTE Mode' दिखेगा.
  • सिर्फ Band 40 को छोड़कर सभी को अनचेक कर दें.
  • सेट पर क्लिक करें

Is this proof fully wireless charging is coming to future iPhones?

Is this proof fully wireless charging is coming to future iPhones?

We all raised our eyebrows when Apple removed the headphone jack from the iPhone 7, but we’d probably all be glad to see the back of charging cables.
The good news is that indeed seems to be the plan at Apple. Documents uncovered by VentureBeat show that Apple has in fact been in talks with wireless charging startup Energous for some time now.
Energous is developing WattUp, a transmitter that can send out proprietary waveforms to receivers that are able to isolate a radio frequency into a “pocket”, travelling 15 feet and charging as many as 12 devices at once.
As a smaller company putting out a public offering of stock shares, it puts out prospective information to investors giving details on what its business consists of. Part of this includes generic industry certifications, such as FCC approval. But also sitting clearly is mention of “Apple compliance testing”.

Bye-bye plugs

It’s a very specific reference to make, nestled between notes for industry-wide approval processes, suggesting that Apple is at least thinking about WattUp designs for inclusion in future products.
What’s particularly interesting is that the mentions of Apple date back as far as March 2014 in Apple materials. So it’s a feature that’s been bubbling up in the labs of Cupertino for a while now too.
Energous itself had teased that it was working with “one of the top five consumer electronics companies.”
But Energous is now downplaying the relationship. In response to the VentureBeat article, reps for Energous stated that “the SEC filing statement from 2014 blankets any future anticipated testing and is not indicative of specific partners.”
That won’t stop people speculating about wireless charging in the iPhone 8,

Guess how much earnest money Reliance Jio has deposited for the 1 Oct spectrum auction

Guess how much earnest money Reliance Jio has deposited for the 1 Oct spectrum auction

Seven mobile operators are said to have deposited EMD (earnest money deposits) of about Rs 15,000 crore for the upcoming spectrum auctions due on 1 October - much lower than the previous year's Rs 20,435 crore.
A DoT official, however, said the EMD cannot be linked to the scale of bidding. "In 2010, when Infotel Broadband, now Reliance Jio, applied for auction, no one was able to link their EMD with the pan-India bids that they placed. There were established players that were participating in that auction, but Infotel emerged as the pan-India winner of BWA spectrum," the official said.
The official, however, refused to share EMD figures. According to industry sources, Reliance Jio has deposited the highest guarantee of nearly Rs 6,500 crore while Vodafone has submitted an EMD of about Rs 2,800 crore.
Idea Cellular and Bharti Airtel are understood to have submitted about Rs 2,000 crore and 1,900 crore, respectively, ahead of the auction where airwaves worth Rs 5.63 lakh crore will go under the hammer. The balance has been submitted by Tata Teleservices, RCom and Aircel. EMD is indicative of a company's strategy to bid in specific circles and spectrum bands. It gives them eligibility points with regard to those circles.

The finance ministry in the Budget pegged the revenue target at Rs 98,995 crore from the telecom space, which includes Rs 64,000 crore from the auction of about 2,354.55 Mhz of spectrum and the rest from various levies and services this financial year. All the radio waves being put up for auction can be used for high-speed 4G services.

Arijit singh will join Coldplay for November gig?

Arijit singh will join Coldplay for November gig?
English rock band Coldplay have yet to affirm their Mumbai gig in November, however that hasn't halted gossip factories from flowing different reports. As 'the date' moves nearer, the most recent buzz encompassing this visit expresses that artist Arijit Singh will go along with them for the gig.

Arijit Singh observed Ranbir’s Style to Sing Ae Dil Hai Mushkil Song
It is however still indistinct if the Bollywood vocalist will join Chris Martin and his band for a two part harmony or in the event that it will be a performance gig before the show. Obviously, this minor point of interest has got fans excitedly anticipating the supposed November gig.
Arijit is at present large and in charge in the wake of charming the group of onlookers over with his deep 'Ae Dil Hai Mushkil' title track. The tune which was discharged online on August 29, has effectively crossed the 10 million imprint on YouTube.
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किसी एजेंडे के तहत नहीं बनायी गयी '31 अक्टूबर' : सोहा

किसी एजेंडे के तहत नहीं बनायी गयी '31 अक्टूबर' : सोहा

02 सितंबर (वार्ता) बॉलीवुड अभिनेत्री सोहा अली खान का कहना है कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हत्याकांड पर बनी फिल्म '31 अक्टूबर' राजनीतिक या किसी अन्य एजेंडे को पूरा करने के लिए नहीं बनायी गयी है।
सोहा ने कहा, “फिल्म इंसाफ के लिए नहीं बनाई गई।
हर कोई जानता है कि इंसाफ में देरी होना इंसाफ न मिलने के बराबर है।
हमने एक सिख परिवार की कहानी साझा करने के लिए फिल्म बनाई है, जो 1984 की पृष्ठभूमि में निर्मित है।
न्याय प्रणाली बेहद जटिल है और हम वकील या न्यायाधीश नहीं हैं।
हम कलाकार हैं और हमने एक फिल्म बनाई है इसलिए यह न्याय दिलाने को लेकर नहीं है।
यह एक ऐसी फिल्म बनाने को लेकर है, जिसे हम एक थ्रिलर के रूप में देखते हैं।
यह राजनीतिक या किसी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए नहीं है।
” सोहा ने कहा, “लोग फिल्म देखने से पहले ही नाराज हो जाते हैं।
विचार रखना जरूरी है, लेकिन आखिरकार हम भी शांति चाहते हैं।
” यह फिल्म सात अक्टूबर को रिलीज होगी।

पद्मनाभस्वामी मंदिर का सातवां द्वार है एक रहस्य, 16वीं सदी का ’सिद्ध पुरूष’ ही इसे खोल सकता है

पद्मनाभस्वामी मंदिर का सातवां द्वार है एक रहस्य, 16वीं सदी का ’सिद्ध पुरूष’ ही इसे खोल सकता है
केरल के तिरुवनन्तपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर काफ़ी प्रसिद्ध है. यह मंदिर पूरी तरह से भगवान विष्णु को समर्पित है. यह भारत के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में से एक है. देश-विदेश के कई श्रद्धालु इस मंदिर में आते हैं. इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की विशाल मूर्ति विराजमान है, शेषनाग पर शयन मुद्रा में भगवान विराजमान. यह मंदिर काफ़ी रहस्यों से भरा है. यह विश्व का सबसे अमीर मंदिर है. इस मंदिर में करीब 1,32,000 करोड़ की मूल्यवान संपत्ति है, जो स्विटज़रलैंड की संपत्ति के बराबर है. देखा जाए, तो इस मंदिर के पीछे कई कहानियां हैं, जिन्हें जानने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे.
Source: Kerala
18वीं शताब्दी में त्रावणकोर के राजाओं ने पद्मनाम मंदिर को बनाया था. सबसे अहम बात ये है कि इसका ज़िक्र 9वीं शताब्दी के ग्रंथों में भी आता है. 1750 में महाराज मार्तंड वर्मा ने खुद को 'पद्मनाभ दास' बताया, जिसका मतलब 'प्रभु का दास' होता है. इसके बाद शाही परिवार ने खुद को भगवान पद्मनाभ को समर्पित कर दिया. इस वजह से त्रावणकोर के राजाओं ने अपनी दौलत पद्मनाभ मंदिर को सौंप दिया.
Source: Kanigas
1947 तक त्रावणकोर के राजाओं ने इस राज्य में राज किया. हालांकि, आज़ादी के बाद इसे भारत में विलय कर दिया गया. विलय होने के बावज़ूद सरकार ने इस मंदिर को अपने कब्ज़े में नहीं लेकर, त्रावणकोर के शाही परिवार को सौंप दी. अब इस मंदिर की देखभाल शाही परिवार के अधीनस्थ एक प्राइवेट ट्रस्ट करता है.
Source: Dollsofindia
संपत्ति और रहस्य को देखते हुए कई लोगों ने इसके द्वारों को खोलने की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सहर्ष स्वीकार कर लिया. 7 सदस्यों की निगरानी में अब तक 6 द्वार खोले जा चुके हैं, जिनसे करीब 1,32,000 करोड़ के सोने और जेवरात मिले. लेकिन सबसे दिलचस्प बात सातवें गेट की है. ये अभी तक पूरी दुनिया के लिए रहस्य बना हुआ है, जिसे अभी तक खोला जाना है.
Source: Media
वैसे जब भी इस मंदिर के ख़जाने को खोलने की बात होती है, तो इसमें अनहोनी की कहानी भी जुड़ जाती है. दरअसल, सातवें गेट में ना कोई वोल्ट है, और ना ही कोई कुंडी. गेट पर दो सांपों के प्रतिबिंब लगे हुए हैं, जो इस द्वार की रक्षा करते हैं. इस गेट को खोलने के लिए किसी कुंजी की ज़रूरत नहीं पड़ती है, इसे मंत्रोच्चारण की मदद से ही खोल सकते हैं.
Source: Blog
यह एक गुप्त गृह है, जिसकी रक्षा 'नाग बंधम्' करते हैं. इस गेट को कोई 16वीं सदी का'सिद्ध पुरूष', योगी या फ़िर कोई तपस्वी ही 'गरुड़ मंत्र' की मदद से खोल सकता है.

नियमानुसार, 'गरुड़ मंत्र' का स्पष्ट तरीके से उच्चारण करने वाला सिद्ध पुरूष ही इस गेट को खोल पाएगा. अगर उच्चारण सही से नहीं किया गया, तो उसकी मृत्यु हो जाती है. अभी हाल में याचिकाकर्ता की संदिग्ध अवस्था में मृत्यु हो गई.

Source: Jagran
देश के शंकराचार्य इस पूरे मामले पर कहते हैं कि "सातवें दरवाजे को खोलने के बारे में देश का उच्चतम न्यायालय फैसला करने वाला है, ऐसे में मंदिर की संपत्ति की देख-रेख राजपरिवार के हाथों में सौंपना सही होगा."
90 वर्षीय त्रावणकोर राजपरिवार के प्रमुख तिरुनल मार्तंड वर्मा ने अंग्रेज़ी अख़बार टेलीग्राफ़ को दिए एक इंटरव्यू में कहते हैं कि हमने अपनी पूरी ज़िंदगी इस मंदिर की देखभाल में लगा दी है. हम इस मंदिर और भगवान विष्णु की सेवा में तत्पर हैं. सातवें द्वार के खुलने का मतलब देश में प्रलय आना है. हमारी कोशिश है कि इसे रहस्य ही रहने दिया जाए.

इस मंदिर से मिली संपत्ति को देख कर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि वाकई यह काफ़ी रहस्यमयी मंदिर है. कई लोगों का मानना है कि सभी संपतियों को जनता की भलाई के कामों में लगा देना चाहिए, जो काफ़ी हद तक सही भी है.

Reliance Jio Plans List, Including Ones Mukesh Ambani Didn't Show on Stage

Reliance Jio Plans List, Including Ones Mukesh Ambani Didn't Show on Stage
At Reliance AGM, Mukesh Ambani finally broke the silence on the tariffs for Reliance Jio. The company will not be charging for voice calls at all, and it will charge a tenth of what its competitors are charging for 4G data, Ambani said - it was announced that Jio will charge only 5 paise per MB, or Rs. 50 per GB. What's more, the greater the usage, the lower the cost will be, and the rates could go down to Rs. 25 per GB.
At the AGM, Ambani also announced that Jio services will become available from Monday, September 5, absolutely free as part of the 'Jio welcome offer', so everyone can try Jio's services at no charge.
"Pay for only one service - either voice or data, not both," he said. "World over, operators charge only for data, voice and messaging are essentially free. All voice calls for Jio customers will be absolutely free." Despite some rumours, data used on Jio's apps will count against your balance. Also, on all plans apart from the Rs. 149 entry level monthly plan, you get unlimited usage of 4G data from 2AM to 5AM.
The Jio 4G tariffs start at Rs. 149 for 28 days, for 300MB. For Rs. 499 per month you get a big step up, to 4GB of 4G data, plus unlimited 4G at night, for 28 days. You'll also get 8GB of access from Reliance Jio's upcoming network of Wi-Fi hotspots, further increasing the amount of data you can use. For Rs. 999, that goes up to 10GB of 4G data, and 20GB of Wi-Fi usage, plus unlimited usage at night. Further plans are for Rs. 1,499 for 20GB, Rs. 2,499 for 35GB, and Rs. 3,999 for 60GB of 4G data, and twice as much Wi-Fi usage respectively. The most expensive plan is for Rs. 4,999 for 75GB of 4G usage plus unlimited 4G usage at night, and 150GB of Wi-Fi data. The postpaid plans are similar, but you'll be paying taxes as well.
There are also a couple of other plans that were not mentioned in the presentation - aside from the various monthly plans, there is also a plan where you pay Rs. 19 for 100MB of data, plus unlimited nighttime usage, with a single day's validity. You also have a Rs. 129 plan with a 7 day validity offering 750MB and 1.5GB of Wi-Fi data, plus unlimited night usage, and a Rs. 229 plan which has a 21 day validity, for 2GB of data. These three plans are only for prepaid users. 
Going by these plans, the rates are actually a little different from the Rs. 50 for 1GB that was announced. The cheapest plan is actually a lot more expensive - you get 300MB of data for Rs. 149, or around Rs. 450 per GB. However, with the other plans, once you count the Wi-Fi hotspot data as well, it does work out to the rate that was announced - for example, the Rs. 499 pack gives you a total of 12GB including Wi-Fi, which works out to approximately Rs. 42 per GB. The bigger packs do get cheaper this way, so for example, the most expensive Rs. 4,999 pack gives you 225GB of data including Wi-Fi, which works out to approximately Rs. 23 per GB. And this does not account for the unlimited 4G at night you will get as well.
There will also be no roaming charges, across India, to any network, it was announced. "Put an end to all voice call charges for all voice calls that are domestic," Ambani said. This applies to calls to other networks as well, not just calls within the network.
He also added that data must be affordable for all users. "Current market practice is to charge for data a base rate between Rs. 4,000 and Rs. 10,000 - Jio will have a base rate which is 1/10th of this," Ambani said. "Our data plans go even further with an effective rate of 5p/MB or Rs. 50/ GB." Students will get 25 percent extra data on the tariffs, if they show a valid ID when signing up for Jio.
Apart from the data rates, Ambani also announced that the full suite of Jio apps - for streaming movies, music, and live television - will be completely free for all users until December 2017.

सेंसर बोर्ड ने इन 17 फ़िल्मों पर की कैंची नहीं चलाई, बल्कि बैन का बम फोड़ दिया

सेंसर बोर्ड ने इन 17 फ़िल्मों पर की कैंची नहीं चलाई, बल्कि बैन का बम फोड़ दिया
सेंसर बोर्ड की कैंची के बारे में हम सब जानते हैं. कभी जेम्स बॉन्ड की फ़िल्म में सिर्फ़ एक Kiss पर चल जाती है, तो कभी बॉलीवुड की फ़ूहड़ फ़िल्मों को झुक कर सलाम करती है. हॉलीवुड फ़िल्मों से तो इसकी पुश्तैनी दुश्मनी है. सिर्फ़ सीन्स ही नहीं, कई बार तो ये कैंची तलवार का रूप ले लेती है और पूरी की पूरी फ़िल्म को भारत में रिलीज़ ही नहीं होने दी. सेंसर बोर्ड द्वारा बैन इन फ़िल्मों की लिस्ट छोटी नहीं है. तो चलिए आपको बताते हैं कि इस लिस्ट में कौन-कौन सी फ़िल्में आती हैं. जिन्हें देखने से सेंसर बोर्ड ने हमें रोक रखा है.

1. 50 Shades of Grey (2015)

ये एक ऐसी फ़िल्म थी, जिसकी चर्चा पूरे फ़िल्म जगत में हुई. लेकिन भारतीय सभ्यता का वास्ता देते हुए सेंसर बोर्ड ने ये फ़िल्म भारत में रिलीज़ नहीं होने दी.

2. The Girl With The Dragon Tattoo (2011)

ये फ़िल्म एक लड़की की कहानी पर आधारित है, जिसका रेप हो जाता है. सेंसर बोर्ड ने भारत में इस फ़िल्म को रिलीज़ करने के लिए एक सीन को काटने की बात कही, जिस पर इस के डायरेक्टर ने मना कर दिया और हम एक अच्छी फ़िल्म देखने से दूर रह गए.

3. Dirty Grandpa (2016)

हम ये कैसे भूल सकते हैं कि हमारे देश में दादा जी संस्कार का दूसरा नाम हैं, ऐसे में सेंसर बोर्ड को इस फ़िल्म पर बैन लगाना ही था. फ़िर भले ही इस उम्र के न जाने कितने लोग रेप जैसे मामलों में जेल की हवा खा रहे हैं.

4. Magic Mike XXL (2015)

Male Stripping जैसे बोल्ड विषय पर बनी ये फ़िल्म सेंसर बोर्ड के हलक से नीचे नहीं उतरी और अपनी कैंची चलाते हुए सेंसर बोर्ड ने इस फ़िल्म को भारत के सिनेमा घरों में आने पहले ही काट फेंका.

5. Get Hard (2015)

शायद इस फ़िल्म से सेंसर बोर्ड को कुछ निजी दुश्मनी थी. तभी तो फ़िल्म के कुछ ज़रूरी सीन काट कर फ़िल्म को रिलीज़ किया जा रहा था. जिससे नाराज़ फ़िल्म के डायरेक्टर ने रिलीज़ के एक दिन पहले भारत में फ़िल्म न रिलीज़ करने का फैसला लिया.

6. Blue Jasmine (2013)

सेंसर बोर्ड ने इस फ़िल्म से हर उस सीन को काटने को कहा, जिसमें कैरेक्टर सिगरेट जला रहा हो. बस इतनी से वजह से फ़िल्म देश के सिनेमा घरों तक नहीं पहुंच पाई.

7. Kama Sutra: A Tale of Love (1996)

जिस देश में कामासूत्र लिखी गई, उसी देश में इस किताब पर बनी फ़िल्म को बैन कर दिया गया. फ़िल्म का विषय बोल्ड था, तो कुछ बोल्ड सीन होने लाज़मी थे. ऐसे में फ़िल्म पर ही बैन लगा देने का ये फैसला गले से नहीं उतरता.

8. Water (2005)

ये एक और फ़िल्म जिसका विषय भारत से जुड़ा था. जी हां, विधवाओं की ज़िंदगी पर बनी इस फ़िल्म को सेंसर बोर्ड ने ठंडे बस्ते में डाल दिया और एक शानदार फ़िल्म हम से दूर रह गए.

9. Indiana Jones and the Temple of Doom (1984)

भारत की कुछ बुरी सम्यातएं इस फ़िल्म के ज़रिए दिखाई जा रही थीं, जो सेंसर बोर्ड को कतई बर्दाशत नहीं हुई और ये फ़िल्म भारत में बैन कर दी गई.

10. India's Daughter (2015)

दिल्ली गैंग रेप पर बनी इस डॉक्युमेंट्री फ़िल्म में कुछ अनकही बातों को शामिल किया गया था. इस फ़िल्म में गैंग रेप के एक आरोपी की भी बाइट थी, जिसमें उस आरोपी ने अपना पक्ष रखा था. ऐसे में इस फ़िल्म को सेंसर बोर्ड द्वारा बैन करना लाज़मी था.

11. No Fire Zone (2014)

श्रीलंका में हुए गृह युद्ध पर बनी इस डॉक्युमेंट्री फ़िल्म में वायलेंस काफ़ी ज़्यादा था, जिसे देखने के बाद भारतीय सेंसर बोर्ड ने इसे भारत में रिलीज़ करने की अनुमती नहीं दी थी.

12. I Spit On Your Grave (1978)

काफ़ी डरावने और सेक्स सीन होने की वजह से इस फ़िल्म को कई देशों में बैन कर दिया गया था. इस लिस्ट में भारत का होना तो लाज़मी था.

13. The Da Vinci Code (2006)

एक ख़ास समुदाय को ठेस न पहुंचे इस कारण इस शानदार फ़िल्म को भारत के कई राज्यों से बैन कर दिया गया था. पंजाब, गोआ, नागालैंड, मेघालय, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश के लोग इस फ़िल्म को नहीं देख पाए थे.

14. Cannibal Ferox (1981)

Cannibal Ferox एक इटैलियन फ़िल्म थी. इसके बारे में कहा जाता है कि ये अब तक बनी सबसे खूंखार फ़िल्म थी. इस फ़िल्म में वायलेंस इतना ज़्यादा था कि भारत समेत 31 देशों ने इस फ़िल्म पर बैन लगा दिया था.

15. Cannibal Holocaust (1980)

एक और इटैलियन फ़िल्म में दिखाए गए वायलेंस के कारण कई देशों ने इस फ़िल्म को बैन कर दिया था. सेक्सुअल वायलेंस की वजह से ये फ़िल्म भारत के सिनेमा घरों तक नहीं पहुंच पाई थी.

16. Salo (1975)

सन् 1975 में बनी 'Salo' नाम की ये इटैलियन-फ्रेंच फ़िल्म कई मायनों में काफ़ी वायलेंट थी. यही कारण था इस फ़िल्म को कई यूरोपियन देशों में बैन कर दिया गया था. भारतीय सेंसर बोर्ड ने भी इसे देश में रिलीज़ होने नहीं दिया था.

17. The Human Centipede (2009)

3 पर्यटकों के किडनैप और उन पर हुए अत्याचार पर बनी इस फ़िल्म को ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के साथ-साथ भारत में भी बैन कर दिया गया था.

सेंसर बोर्ड इन फ़िल्मों को देश में रिलीज़ होने से तो रोक लेता है. लेकिन अगर आपको इन फ़िल्मों में से किसी एक को भी देखने की इच्छा है, तो आपको पता है ये फ़िल्में कहां से मिल सकती हैं.

कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम को स्टोर करने वाली ड्राइव का नाम A और B न होकर C ही क्यों होता है?

कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम को स्टोर करने वाली ड्राइव का नाम A और B न होकर C ही क्यों होता है?
यकीनन आज की पीढ़ी कमाल है, उसे तकनीक की इतनी ज़्यादा जानकारी है जितनी पुरानी पीढ़ी को भी नहीं है. वो तकनीक से जुड़े सवालों के जवाब बेहतर तरीके से जानती है. आप सोच रहे होंगे कि भैया जब उस दौर में तकनीक इतनी प्रबल थी ही नहीं, तो उस समय के लोग उसकी जानकारी कैसे रखते? आज बच्चे बेहद कम उम्र से ही मोबाइल से लेकर कंप्यूटर का इस्तेमाल करने लगे हैं. पर एक बात बोलूं, जिस मामले की हम यहां बात कर रहे हैं वो कंप्यूटर की C Drive है. मतलब, जो C Drive है वो इतनी ज़्यादा जटिल क्यों होती है, जिसके कारण कोई उसके अंदर दाखिल होने की जुर्रत ही नहीं करता. इतने समय बाद भी कई लोग ऐसे हैं जो नहीं जानते आखिर MS-Windows कंप्यूटर में C Drive इतनी अलग और ज़रूरी क्यों होती है? वैसे इसके अलावा भी D, E और अलग तरह की Drives होती हैं, पर उनके साथ छेड़छाड़ करना तो आम है लेकिन C के साथ क्यों नहीं? गर आप USB लगाते हैं तो कंप्यूटर में F और G Drive भी दिखती हैं. अब सवाल उठता है कि C, E, F और G नाम की Drive कंप्यूटर में आसानी से देखने को मिल जाती हैं, लेकिन A और B नाम की Drive क्यों नहीं दिखती?

Source: click-updates
दरअसल, शुरुआती दौर में कंप्यूटर जब आये-आये ही थे, तब उनमें आज जितना स्पेस नहीं होता था. उस समय फ्लॉपी डिस्क ड्राइव हुआ करती थी, जिन्हें A ड्राइव के नाम से पहचाना जाता था. फ्लॉपी डिस्क दो साइज़ में आती थी, 5 ¼ और 3 ½. इन्हीं के लिए कंप्यूटर में A और B नाम के लेबल्स से ड्राइव होती थीं. Hard Disc में ज़्यादा स्पेस न होने के कारण लोग अपने कार्य को इन फ्लॉपी में सहेज कर रखते थे.

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1980 के बाद से C ड्राइव Hard Drive के नाम से पहचानी जाने लगी. इस Drive में कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम स्टोर किया जाता है. जैसे, आपके स्मार्टफोन में एक मुकम्मल जगह ऑपरेटिंग सिस्टम Android और ISO के लिए होती है. जब धीरे-धीरे फ्लॉपी का चलन समाप्त होने लगा तो A और B ड्राइव के नाम पर केवल C ड्राइव ही रह गई. वैसे आज ये ज़रूरी नहीं कि जिस ऑर्डर में ड्राइव का नाम आता है, उसे आप वैसे ही रखें. आप इसे बदल भी सकते हैं अगर आपके पास कंप्यूटर का Administrative Right है. जी हां, आप अपने मन-मुताबिक ड्राइव्स को A, B और C नाम दे सकते हैं.

Idea, Vodafone and Bharti Airtel to slash tariffs to compete with Reliance Jio

Idea, Vodafone and Bharti Airtel to slash tariffs to compete with Reliance Jio


The spectre of price war is back in the telecom space, with industry insiders and analysts predicting Bharti AirtelBSE 0.23 %, Vodafone and Idea CellularBSE -2.27 % to slash their rates to respond to the enticing tariffs that Reliance Jio Infocomm is offering. 




Industry executives that ET spoke to mostly expect the Mukesh Ambani-controlled company to disrupt the market with cheap prices and its pan-India network. They see this compelling the incumbents to announce tariff cuts over th .. 




Unbelievable! Airtel offers 10 GB 4G data at just Rs 250

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The battle among telecom companies to garner maximum subscribers of 4 G technology is turning thicker! Airtel has announced a new plan to woo new subscribers.
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