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धोखा है 3जी इंटरनेट : जानिए हाई स्पीड इंटरनेट का पूरा सच

धोखा है 3जी इंटरनेट : जानिए हाई स्पीड इंटरनेट का पूरा सच

सीकर. अब तक आपने 2जी और 3जी स्पेक्ट्रम घोटाले के बारे में पढ़ा है। लेकिन, आज आपको इंटरनेट स्लो स्पीड की लूट के बारे में बताएंगे। यह वो लूट है, जिसके शिकार हर दिन जिले के लाखों मोबाइल उपभोक्ता हो रहे हैं। सीकर में सात लाख मोबाइल कनेक्शनधारक हैं और इनमें से 4.90 लाख उपभोक्ताओं के साथ हर दिन लूट हो रही है। हर महीने नौ करोड़ रुपए खर्च करता है यूजर...

- मोबाइल कंपनियां हाई स्पीड इंटरनेट के नाम पर सिर्फ धोखा दे रही हैं। कंपनियां खुद मुनाफे के टावर पर बैठी हैं और ग्राहकों को सुस्त और अटक-अटक कर चलने वाला इंटरनेट कनेक्शन महंगे दामों में दे रही हैं।  
- दैनिक भास्कर ने सीकर में मोबाइल कंपनियों के इसी बड़े धोखे पर पड़ताल की तो कंपनियों के हाई स्पीड के दावे स्लो स्पीड की हकीकत में तब्दील हो गए।
- इस पड़ताल में हमने ट्राई के माई स्पीड एप की मदद ली जो हाल में ही लॉन्च किया है, इसकी मदद से इंटरनेट की स्पीड देख सकते हैं।
- भास्कर ने एक मोबाइल कंपनी का 21 रुपए में 3जी प्लान खरीदा। इसमें हमें 84 एमबी डाटा दिया गया।
- हैरानी यह है कि जब पुलिस लाइन के पास स्पीड मापी गई तो हमें सिर्फ 0.02 एमबीपीएस की स्पीड मिली। जबकि डाटा 19 एमबी खर्च हो गया।
- सभी बड़ी कंपनियों के 3जी पैक की जांच में पता चला कि औद्योगिक क्षेत्र, बजाज सर्किल, कल्याण सर्किल व नवलगढ़ रोड जैसे महत्वपूर्ण इलाके में स्पीड 0.02 से 0.08 एमबीपीएस ही मिली।
- जबकि मोबाइल कंपनियां 3जी के डाटा में दावा करती हैं 7.01 से 21 एमबीपीएस स्पीड का। 2जी सेवा के हाल इससे भी बुरे हैं।
बड़ा धोखा 2जी ग्राहकों से, क्योंकि फायदा नहीं रहा

सबसे बड़ा धोखा 2जी सेवा के ग्राहकों से हो रहा है। 70% उपभोक्ता 2जी सेवा का इस्तेमाल करते हैं। सूत्रों के अनुसार कंपनियों को ज्यादा कमाई 3जी या 4जी नेटवर्क पर इस्तेमाल होने वाले डाटा से होती है। इसलिए कंपनियां आप पर जोर डालती हैं कि आप 3जी या 4जी सेवाओं को खरीदें। इसलिए 2जी में बेहद कम स्पीड दी जाती है। 
हर महीने नौ करोड़ रुपए खर्च करते हैं उपभोक्ता

जिले के 4.90 लाख उपभोक्ता हर महीने नौ करोड़ रुपए से ज्यादा इंटरनेट पर खर्च करते हैं लेकिन इसके बदले उन्हें सिर्फ धोखे का प्लान ही मिलता है। कंपनियां अच्छी स्पीड का वादा करती हैं, लेकिन वादे के मुताबिक स्पीड नहीं मिलती। अब उपभोक्ता इतने परेशान हो चुके हैं कि वे 4जी, 3जी, 2जी और अब रहने दो जी, पर आ गए हैं। 
उपभोक्ताओं के साथ हर सैकंड हो रहा धोखा

जिले के करीब पांच लाख लोगों के साथ हर सैकंड धोखा हो रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब तक इंटरनेट स्पीड को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा तब तक जिला विकास के बफरिंग मोड से बाहर नहीं आ पाएगा। पैसे देकर अच्छी स्पीड हासिल करना उपभोक्ताओं का बुनियादी हक है और हम सबको मिलकर इसके लिए आवाज उठानी होगी।
इंटरनेट सस्ता मिलना चाहिए : फेसबुक
फेसबुक की एक स्टडी में दावा किया है कि भारत में हर व्यक्ति की पहुंच इंटरनेट तक हो जाए तो अर्थव्यस्था को 67 लाख करोड़ रुपए का फायदा होगा। कंपनियां 100 रुपए का डाटा प्लान 34 रु. में मिलने सेे 80% लोग इंटरनेट से जुड़ जाएंगे।
एक्सपर्ट्स व्यू : स्पीड कम मिलने पर शिकायत कर सकते हैं
BSNL इंफोर्समेंट सेल के निदेशक केसी मीणा ने बताया कि ट्राई पूरे सिस्टम पर मॉनिटरिंग कर रही है। अगर किसी उपभोक्ता को स्पीड कम मिल रही है तो वह ट्राई जयपुर में शिकायत कर सकता है।
 
उपभोक्ता जागरूक नहीं हैं, इसलिए बढ़ रही है दिक्कत
BSNL के टेलीकॉम डिस्ट्रिक मैनेजर ओमप्रकाश जांगिड़ ने बताया कि मोबाइल व इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ने से सिस्टम पर दबाव बन रहा है। इंटरनेट स्पीड टावर की दूरी पर निर्भर हैं। जैसे-जैसे दूरी बढ़ती है, स्पीड स्लो हो जाती है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए ट्राई ने पैरामीटर तय कर रखे हैं लेकिन उपभोक्ता जागरूक नहीं है। इसलिए दिक्कत बढ़ रही है।
 
विज्ञापनों में हाई स्पीड देने का वादा करती हैं कंपनियां
दूरसंचार कंपनियां अपने विज्ञापनों में 7.2 एमबी प्रति सैकंड या 21 एमबी प्रति सैकंड तक हाई स्पीड देने का वादा करती हैं। जबकि सामान्य तौर पर 7.1 एमबीपीएस की स्पीड से एक फिल्म 12 से 14 मिनट में डाउनलोड होनी चाहिए, लेकिन ऐसा होता नहीं है। कंपनियों ने ट्राई को बताया है कि उनकी सबसे तेज 3जी सर्विस की न्यूनतम डाउनलोड स्पीड 399 केबीपीएस और अधिकतम 2.48 एमबीपीएस है।
 
आप भी देख सकते हैं कितनी स्पीड आपको मिल रही हैं 
 
ट्राई ने माई स्पीड नाम से एप लॉन्च किया हैं। इससे आप हर क्षेत्र में मिल रही इंटरनेट स्पीड को देख सकते हैं। खास बात यह है कि यह रिपोर्ट आप ट्राई को भी भेज सकते हैं। इसकी मदद से ट्राई इंटरनेट स्पीड को लेकर नियम-कायदे जारी करेगी। 23 अगस्त को जारी होने वाले नए नियम के बाद सभी कंपनियों को अब यह बताना होगा कि वे ग्राहक को कम से कम कितनी डाउनलोड स्पीड देंगी।

भारत में Ford Mustang की लांचिंग जल्द

भारत में Ford Mustang की लांचिंग जल्द

फोर्ड मस्टंग 13 जुलाई को भारत में लॉन्च की जाएगी। यह कार 2016 दिल्ली ऑटो एक्सपो में दिखाई गई थी। इस अमेरिकन पोनी कार की डिजाइन पूरी दुनिया में मशहूर है। भारतीय कार प्रेमी लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे हैं। Auto Expo 2016 से ठीक पहले Mustang को अनवील किया था अब कंपनी दुनिया भर में मशहूर अपनी इस कार को भारतीय बाजार में 13 जुलाई को पेश कर रही है। यह एक शानदार कार है जिसका इंतजार उस हर ऑटो इंथ्‍यूजियास्‍ट को है जो भारत में इसे खरीदने के इच्‍छुक हैं।

पहली फॉर्ड मस्टैंग 1965 में लॉन्च की गई थी, और उसके बाद से इस कार ने दुनियाभर में अपने प्रशंसक बनाए हैं। भारत में इस कार की कीमत 55-60 लाख रुपये के आसपास हो सकती है। यहां यह कार सीबीयू रूट के जरिए आएगी। फॉर्ड मस्टैंग में 4 लोगों के बैठने की जगह है। मस्टैंग में इलेक्ट्रिक पावर असिस्ट स्टीयरिंग, ऐम्बियंट लाइटिंग, ऑटोमैटिक ऑन-ऑफ हेडलैम्प सिस्टम, हीटेड ऐंड पावरफॉल्डिंग मिरर्स और मेसेज सेंटर जैसे फीचर्स मौजूद हैं।

इंजिन
फोर्ड मस्टंग में 5.0-लीटर वी8 इंजन है, जो 435 बीएचपी की जबरदस्त ताकत और 542एनएम टॉर्क पैदा करता है। इस इंजन को 6-स्पीड सेलेक्टशिफ्ट ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन से लैस किया गया है। फॉर्ड मस्टैंग में 5.0-लीटर का Ti-VCT V8 इंजन लगाया गया है। Ford Mustang दिखने में आकर्षक है और इसका लंबा हुड और छोटा रियर इसे काफी अलग लुक देते हैं। इन्हीं फीचर्स की वजह से इसे पोनी कार भी कहा जाता है।

फोर्ड मस्टंग का हुड लंबा और रियर छोटा है। इसीलिए इसे पोनी कार भी कहा जाता है। इसमें स्टाइलिश हेडलैंप, रियर डिफ्यूजर, 18-इंच मैग्नेटिक ग्लास पेंट और एल्यूमीनियम के पहिए हैं। भारत में लॉन्च होने वाली फोर्ड मस्टंग में 5.0-लीटर टीआई-वीसीट व8 इंजन है। इसकी कीमत 60 लाख रुपए के आसपास हो सकती है।

फीचर्स
फोर्ड मस्टंग में एलईडी लगा एचआईडी हेडलैंप, एलईडी टेललैंप, ड्युअल-जोन एचवीएसी सिस्टम, लॉन्च कंट्रोल, इलेक्ट्रॉनिक लाइन-लॉक, ब्लाइंड स्पॉट इन्फॉर्मेशन सिस्टम, क्रॉस ट्रैफिक अलर्ट, एडैप्टिव कू्रज कंट्रोल, ड्राइव मोड सेलेक्टर, रेन सेंसिंग वाइपर, ड्युअल-फं्रट एयरबैग और नी-बैग जैसे फीचर्स हैं।

सेफ्टी फीचर्स की बात करें तो इस कार में इलेक्ट्रॉनिक स्टैबिलिटी कंट्रोल के साथ अडवांसट्रैक, ड्राइवर/पैसेंजर साइड इम्पैक्ट एयरबैग्स, ड्यूव फ्रंट एयरबैग्स और रियर व्यू कैमरा सिस्टम जैसे तमाम सेफ्टी और सिक्यॉरिटी फीचर्स मौजूद हैं।

17 अगस्त को Huawei लॉन्च करेगा स्मार्टफोन P9

17 अगस्त को Huawei लॉन्च करेगा स्मार्टफोन P9

Huawei का फ्लैगशिप स्मार्टफोन P9 भारत में 17 अगस्त को लॉन्च किया जाएगा. इस फोन का भारत में काफी दिनों से इंतजार किया जा रहा था. जहां तक इस फोन के फीचर्स की बात है तो इसमें डुअल लेंस कैमरे का इस्तेमाल किया गया है. इस कैमरे को जर्मनी की 102 साल पुरानी कंपनी लिका के सहयोग से बनाया गया है. जो कैमरे बनाती है. Huawei का दावा है कि इस कैमरे की वजह यह नया डिवाइस बाजार में धूम मचा देगा. इतना ही नहीं यह बाकी एंड्राएड मोबाइलों से काफी अलग होगा. इसमें 12 मेगापिक्सल का रियर कैमरा लगाया गया है. जिसकी खासियत है कि मोनोक्रोम और कलर इमेज को अलग से कैप्चर कर सकता है. साथ ही सामान्य मोबाइल कैमरों की तुलना में ज्यादा ब्राइट तस्वीरें खींच सकता है. इसके अलावा बात करें दूसरे फीचर्स की तो इसमें 5.2एचडी का फुल डिस्प्ले लगाया गया है. मोबाइल EMUI 4.1 atop के साथ Android 6.0 ऑपरेटिंग सिस्टम लगाया गया है. इसके अलावा 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा लगाया गया है. इसमें 3000 mAh वाली क्षमता वाली बैटरी लगाई गई है.

TRAI की इस एप से खुलेगी टैलीकॉम आप्रेटरों की पोल

TRAI की इस एप से खुलेगी टैलीकॉम आप्रेटरों की पोल

टैलीकॉम रैगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने माईस्पीड नामक नए एप को लांच किया है। यह एप यूजर्स द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे इंटरनैट की स्पीड को टैस्ट करेगा और इसका परिणाम ट्राई को सैंड करेगा। इससे टैलीकॉम आप्रेटरों की पोल खुलेगी और लोगों को पता चलेगा कि कम्पनियां कितनी इंटरनैट स्पीड बताकर कितनी नैट स्पीड दे रही हैं। यह एप एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स और आईफोन ऑप्रेटिंग सिस्टम (आई.ओ.एस.) पर फ्री में उपलब्ध है। माईस्पीड एप की मदद से एंड्रॉयड और आई.ओ.एस. डिवाइस इस्तेमाल करने वाला यूजर सैलुलर डाटा और वाई-फाई के जरिए मिलने वाली इंटरनैट स्पीड के बारे में सही जानकारी प्रदान कर पाएगा। 
3जी के बदले मिल रही 2जी स्पीड -
इसको टैस्ट करने के दौरान ट्राई ने पाया है कि देश के चुनिंदा शहरों में कुछ उपभोक्ताओं को 3जी सर्विस के बदले 2जी की स्पीड मिल रही है। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक ट्राई का कहना है कि उपभोक्ताओं को मिल रही इंटरनैट स्पीड से वे संतुष्ट नहीं हैं और इसका कारण यह है कि इंटरनैट पैक डलवाते समय बताई गई नैट स्पीड व असल स्पीड में काफी फर्क है।
इस तरह काम करेगा यह एप -
1. एप को डाऊनलोड करने के बाद ओपन करें। 
2. एप को ओपन करने के बाद माईस्पीड एप वाई-फाई या सैलुलर डाटा के बारे में बताएगा और नीचे की तरफ बिगन टैस्ट का आईकन दिखाएगा। 
3. बिगन टैस्ट पर क्लिक करने के बाद यह एप यूजर को लोकेशन सर्विस इस्तेमाल करने के लिए हां या न का विकल्प चुनने के लिए कहेगा। 
4. लोकेशन सर्विस का चयन करने के बाद यह एप सैलुलर डाटा या वाई-फाई की डाउनलोडिंग स्पीड और अपडेट स्पीड का विश्लेषण कर यूजर के सामने सारी जानकारी रख देगा। 
5. अंत में 2 ऑप्शन्स दिखाई देंगी जिनमें एक टैस्ट अगेन और दूसरा सैंड टू ट्राई का ऑप्शन होगा। सैंड टू ट्राई पर क्लिक कर यूजर इंटरनैट स्पीड की जानकारी ट्राई को भी सैंड कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि शिकायत सीधे ट्राई के पास जाएगी और प्रोसैस में सर्विस प्रोवाइडर कम्पनियों का कोई रोल नहीं होगा। डिजिटल इंडिया के तहत यह ऐसा पहला एप है जो लो डाटा स्पीड को सुधारने में मददगार साबित हो सकता है।