टैलीकॉम रैगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने माईस्पीड नामक नए एप को लांच किया है। यह एप यूजर्स द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे इंटरनैट की स्पीड को टैस्ट करेगा और इसका परिणाम ट्राई को सैंड करेगा। इससे टैलीकॉम आप्रेटरों की पोल खुलेगी और लोगों को पता चलेगा कि कम्पनियां कितनी इंटरनैट स्पीड बताकर कितनी नैट स्पीड दे रही हैं। यह एप एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स और आईफोन ऑप्रेटिंग सिस्टम (आई.ओ.एस.) पर फ्री में उपलब्ध है। माईस्पीड एप की मदद से एंड्रॉयड और आई.ओ.एस. डिवाइस इस्तेमाल करने वाला यूजर सैलुलर डाटा और वाई-फाई के जरिए मिलने वाली इंटरनैट स्पीड के बारे में सही जानकारी प्रदान कर पाएगा।
3जी के बदले मिल रही 2जी स्पीड -
इसको टैस्ट करने के दौरान ट्राई ने पाया है कि देश के चुनिंदा शहरों में कुछ उपभोक्ताओं को 3जी सर्विस के बदले 2जी की स्पीड मिल रही है। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक ट्राई का कहना है कि उपभोक्ताओं को मिल रही इंटरनैट स्पीड से वे संतुष्ट नहीं हैं और इसका कारण यह है कि इंटरनैट पैक डलवाते समय बताई गई नैट स्पीड व असल स्पीड में काफी फर्क है।
इस तरह काम करेगा यह एप -
1. एप को डाऊनलोड करने के बाद ओपन करें।
2. एप को ओपन करने के बाद माईस्पीड एप वाई-फाई या सैलुलर डाटा के बारे में बताएगा और नीचे की तरफ बिगन टैस्ट का आईकन दिखाएगा।
3. बिगन टैस्ट पर क्लिक करने के बाद यह एप यूजर को लोकेशन सर्विस इस्तेमाल करने के लिए हां या न का विकल्प चुनने के लिए कहेगा।
4. लोकेशन सर्विस का चयन करने के बाद यह एप सैलुलर डाटा या वाई-फाई की डाउनलोडिंग स्पीड और अपडेट स्पीड का विश्लेषण कर यूजर के सामने सारी जानकारी रख देगा।
5. अंत में 2 ऑप्शन्स दिखाई देंगी जिनमें एक टैस्ट अगेन और दूसरा सैंड टू ट्राई का ऑप्शन होगा। सैंड टू ट्राई पर क्लिक कर यूजर इंटरनैट स्पीड की जानकारी ट्राई को भी सैंड कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि शिकायत सीधे ट्राई के पास जाएगी और प्रोसैस में सर्विस प्रोवाइडर कम्पनियों का कोई रोल नहीं होगा। डिजिटल इंडिया के तहत यह ऐसा पहला एप है जो लो डाटा स्पीड को सुधारने में मददगार साबित हो सकता है।