किस तरह सोते हैं आप, इसमें छिपा है आपकी सफलता का राज !

सुबह जागने का मन तो किसी का नहीं करता, बस यही चाहत रहती है कि थोड़ी देर और सो जाएं। सप्ताह के हर दिन न सही, संडे को तो आप अपनी यह चाहत पूरी कर ही सकते हैं। लेकिन सोते समय जरा यह भी ध्यान दें कि आप कैसे सोते हैं। अगर आप अपने सोने के तरीके पर गौर करेंगे तो आपको अपने बारे में बहुत कुछ पता चल जाएगा। तो आइए सोने के स्टाइल से जाने आपके व्यक्तित्व के बारे में।


ब्रिटेन में हुए एक सर्वे में भी यह बात सामने आयी है कि सोने का तरीका व्यक्तित्व को दर्शाता है। आप जिन परिस्थितियों में होते हैं उसका असर भी सोने के तरीके पर होता है...


अगर आप करवट लेकर सोते हैं तो इसका मतलब है कि आप जरूरत से अधिक किसी बात को लेकर चिंतित रहते हैं अथवा सोच विचार करते हैं।


कुछ लोगों की आदत होती है कि वह अपने शरीर को मोड़कर सोते हैं। ऐसे लोग आराम पसंद होते हैं। इनमें अधिक से अधिक सुख की चाहत रहती है। ऐसे लोगों में आत्मविश्वास की कमी होती है। यह अपनी बात करने में काफी झिझकते हैं। किसी बात को लेकर अनावश्यक ही भयभीत भी रहते हैं।


कुछ लोगों की आदत होती है कि वह पैर पर पैर रखकर सोते हैं। इस तरह से सोने वाले व्यक्ति अपने से ज्यादा दूसरों को लेकर फिक्रमंद रहते हैं। इन्हें हमेशा यही चिंता सताती है कि इनकी किसी बात से दूसरे को तकलीफ न हो। वास्तु विज्ञान में इस तरह से सोना अच्छा नहीं माना गया है। मान्यता है कि इस तरह से सोने से आयु कम होती है।


बहुत से लोग पेट के बल लेटकर सोना पसंद करते हैं। सामुद्रशास्त्र के अनुसार इस तरह से सोने वाले लोग जिम्मेदारियों से बचने की ताक में रहते हैं। इनके समाने कोई चुनौती आ जाए तो यह जल्दी घबरा जाते हैं। सोने का सबसे अच्छा तरीका पीठ के बल लेटकर सोना है। इस प्रकार से सोने वाले लोग एक्टिव होते हैं। यह अपनी बात पर अटल रहते हैं और हर जिम्मेदारियों को निभाने के लिए तैयार रहते हैं।


ऑफिस में ढेर सारे काम के बाद रात में देर तक काम के बाद घर जाकर घंटों तक टीवी देखने या कंप्यूटर पर लगे रहने की आदत, कभी नींद ही नहीं आती है और कभी वीकेंड पर देर तक सोते ही रह जातें हैं। नींद का आपके रुटीन के साथ जहां बैलेंस गड़बड़ाया, वहीं आपकी सेहत, सफलता और विकास पर ब्रेक लग गया


नींद से जुड़ी आपकी गलत आदते आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक तो हैं ही, साथ ही आपकी पर्सेनालिटी और कार्यक्षमता पर भी इनका गलत असर पड़ता है। जानिए किस तरह आप अपनी नींद को संतुलित कर कार्यक्षेत्र में बेहतर परफॉर्मेंस दे सकते हैं


सामान्य व्यक्ति के लिए कितने घंटे की नींद जरूरी है इस पर कई तरह के शोध हो चुके हैं। चूंकि अलग-अलग व्यक्ति की नींद की जरूरतें कम या ज्यादा हो सकती हैं इसलिए कम से कम 6 घंटे और ज्यादा से ज्यादा 9 घंटे तक की नींद सही मानी जाती है।


नींद कम लेते है या फिर जरूरत से ज्यादा, नींद का बैलेंस गड़बड़ाया तो इसके कई नुकसान हो सकते हैं। कम नींद लेने से अक्सर लोगों का ध्यान किसी एक जगह नहीं टिक पाता है जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। वहीं आवश्यकता से अधिक नींद से बेचैनी, सिरदर्द, आलस शरीर में घर कर जाता है जो आपके काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

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